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फूल हैं गोया मिट्टी के दिल हैं
धड़कते हुए
बादलों के गलीचों पे रंगीन बच्चे
मचलते हुए
प्यार के काँपते होंठ हैं
मौत पर खिलखिलाती हुई चंपई
जिंदगी
जो कभी मात खाए नहीं
और खुशबू है
जिसको कोई बाँध पाए नहीं
खूबसूरत हैं इतने
कि बरबस ही जीने की इच्छा जगा दें
कि दुनिया को और जीने लायक बनाने की
इच्छा जगा दें
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